मोटापा आज की तारीख में हमारे समाज के लिए एक बहुत ही गंभीर विषय बन चुका है अगर मोटापा की बात करें तो इसका मुख्य कारण हमारी जीवनशैली है। लोगों की अव्यवस्थित जीवन शैली के कारण यह समाज में बहुत तेजी से फैल रहा है आज हम बात करें तो औसतन हर घर में आपको एक व्यक्ति मोटापे से ग्रसित जरूर उपस्थित होगा मोटापा से ग्रसित प्रति व्यक्ति इससे छुटकारा चाहता है कि वह मोटापे पर आजाद हो हम में से बहुत लोग ऐसे होते हैं जो कि बहुत तरह के व्यायाम तथा डाइट चार्ट को फॉलो करते हैं मगर कुछ दिन करने के बाद वह फिर से अपनी पुरानी व्यवस्था में वापस लौट आते हैं डिस्ट्रिक्ट कारणे व results नहीं मिल पाता जिसकी hope लोग करते हैं सबसे पहले मोटापा कम करने के लिए आपके अंदर बहुत ही इसके प्रति निष्ठा तथा प्रतिबद्धता और संयम होना चाहिए अगर आपके अंदर यह तीनों चीजें नहीं हैं तो आपके लिए बहुत मुश्किल होगी मोटापा कम करने के उपाय कि हम बात करें तो सबसे अच्छा माध्यम योगा है योगा एक ऐसा IDEA है।जिसको Regularly करने के पश्चात आपको अंदर से ताजगी एवं खुशी का अनुभव होता है जी हां दोस्तों आज समाज में मोटापा को कम करने के लिए योगा का भरपूर सहारा लिया जा रहा है। योगा द्वारा मोटापा कम करने की प्रक्रिया एक धीमी प्रक्रिया है। जिसमें आपको काफी समय लग सकता है इसलिए आप कोशिश करें कि इसे लगातार करते रहें और संयम बनाए रखें चलिए हम आज बात करते हैं विभिन्न प्रकार के योगासन हॉकी टीम के द्वारा आप अपने मोटापा को नियंत्रित कर सकते हैं।
मोटापा कम करने के लिये योगासन1)Bhujangasana ( भुजंगासन)
2)Trikonasana ( त्रिकोणासन)
3)Virabhadrasana ( वीरभद्रासन)
4)Surya Namaskar ( सूर्य नमस्कार)
5)Dhanurasana ( धनुरासन)

1)भुजंगासन बहुत ही अद्भुत योगासन है जिसमें व्यक्ति एक सांप की तरफ फन उठाया लगता है इसी कारण से इस योगासन का नाम भुजंगासन है। भुजंगासन को नियमित करने पर या आपकी छाती और कमर की मांसपेशियों को अति लचीला बना देता है जिस कारण से कमर में आए हुए तनाव दूर हो जाते हैं अगर कोई भी व्यक्ति पेट से Related problems का solution मिल जाता है ।भुजंगासन स्त्रियों में गर्भाशय में खून के दौरे को नियंत्रित करने में भी सहायता प्रदान करता है पेट या फिर गुर्दे से संबंधित किसी भी प्रकार के रोग के लिए भुजंगासन बहुत ही लाभकारी है।
भुजंगासन किस प्रकार से करें।
1)सर्वप्रथम आप जमीन पर पेट के बल लेट जाएं और उसके बाद आप अपने पद अंगुली और अपने सिर को जमीन पर सीधा रखें।
2)अब अपने पैर को एकदम सीधे रखें तथा अपने पांव और ऑडियो को भी एक साथ रखें।
3)अब आप अपने दोनों हाथ दोनों कंधों के बराबर नीचे रखे तथा दोनों कोहनियों को शरीर के समीप और तथा उसके Equal रखें।
4) उसके पश्चात व्यक्ति को एक लंबी सांस लेते हुए धीरे से अपने मस्तक उसके बाद अपनी छाती और अंत में अपने पेट को उठाएं जबकि नाभि को जमीन पर ही रखें।
5)कोशिश करें कि दोनों बाजुओं पर एक समान बाहर बनाए रखें।
6)अब ध्यान से सांस लेते हुए पैरों को धीरे-धीरे और भी अधिक stretch करते हुए दोनों Hands(हाथों) को एकदम सीधा करें और गर्दन उठाते हुए ऊपर की ओर देखने की कोशिश करें।
7)अब आप ध्यान से पैर को सीधा करते हुए लंबी लंबी सांसे खींचें।
8)अंत में सांस को छोड़ते हुए सर्वप्रथम पेट फिर छाती और बाद में अपने मस्तक को धीरे से जमीन से उठाएं।
2)त्रिकोणासन को करने से पूर्व आप इस बात का ध्यान रखते हैं कि आपने अन्य योगासनों को इससे पहले ही कर लिया हो क्योंकि इस आसन में हमारे कमर पर जोर पड़ता है अगर आप पहले से ही अन्य योगासन कर चुके हैं तो ही इसे करें और सामने झुकते समय ध्यान दें कि आपका संतुलन ना बिगड़े।
1)सर्वप्रथम आप जमीन पर पेट के बल लेट जाएं और उसके बाद आप अपने पद अंगुली और अपने सिर को जमीन पर सीधा रखें।
2)अब अपने पैर को एकदम सीधे रखें तथा अपने पांव और ऑडियो को भी एक साथ रखें।
3)अब आप अपने दोनों हाथ दोनों कंधों के बराबर नीचे रखे तथा दोनों कोहनियों को शरीर के समीप और तथा उसके Equal रखें।
4) उसके पश्चात व्यक्ति को एक लंबी सांस लेते हुए धीरे से अपने मस्तक उसके बाद अपनी छाती और अंत में अपने पेट को उठाएं जबकि नाभि को जमीन पर ही रखें।
5)कोशिश करें कि दोनों बाजुओं पर एक समान बाहर बनाए रखें।
6)अब ध्यान से सांस लेते हुए पैरों को धीरे-धीरे और भी अधिक stretch करते हुए दोनों Hands(हाथों) को एकदम सीधा करें और गर्दन उठाते हुए ऊपर की ओर देखने की कोशिश करें।
7)अब आप ध्यान से पैर को सीधा करते हुए लंबी लंबी सांसे खींचें।
8)अंत में सांस को छोड़ते हुए सर्वप्रथम पेट फिर छाती और बाद में अपने मस्तक को धीरे से जमीन से उठाएं।
2)त्रिकोणासन को करने से पूर्व आप इस बात का ध्यान रखते हैं कि आपने अन्य योगासनों को इससे पहले ही कर लिया हो क्योंकि इस आसन में हमारे कमर पर जोर पड़ता है अगर आप पहले से ही अन्य योगासन कर चुके हैं तो ही इसे करें और सामने झुकते समय ध्यान दें कि आपका संतुलन ना बिगड़े।
त्रिकोणासन किस प्रकार करें।
1)त्रिकोणासन को करने के लिए सर्वप्रथम आप खड़े हो जाएं और अपने पैरों के बीच अपनी सुविधा के अनुसार उचित दूरी लगभग 2 से 3 फुट की बना ले।
1)त्रिकोणासन को करने के लिए सर्वप्रथम आप खड़े हो जाएं और अपने पैरों के बीच अपनी सुविधा के अनुसार उचित दूरी लगभग 2 से 3 फुट की बना ले।
2)उसके पश्चात आप अपने दाहिने पंजे को लगभग 90 डिग्री तथा अपने बाए पंजे को लगभग 15 डिग्री तक घूमाए।
3)अब आप अपनी दाहिनी एड़ी के केंद्र को अपने बाएं Leg के द्वारा बन रहे घुमाव को केंद्र की सीध में लेकर आएं।
4)ध्यान दें इस दौरान आप के पंजे जमीन पर जोर दे रहे हो और आपके शरीर का भार दोनों पैरों पर समान रूप से हो।
5)अब आप एक गहरी लंबी सांस अंदर ले और सांस को बाहर छोड़ते हुए अपने शरीर को अपनी तरफ तरफ मोड़े और अपने कूल्हों से (Down Side)नीचे की अोर आराम से back boneको सीधा रखते हुए अपने बाएं हाथ को ऊपर हवा में उठाने और दाहिने हाथ को नीचे जमीन की तरफ ले जाएं इस प्रकार अपने दोनों हाथों को एक सीध में रखें।
6)इस दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपका शरीर किनारे की तरफ से मुड़ा हुआ हो Body Forward (आगे) या back ( पीछे) की ओर झुका ना हो।
7)अब आप अपने शरीर में ज्यादा से ज्यादा तनाव बनाए रखें तथा स्थिर बने रहें गहरी गहरी लंबी सांसे लेते रहे बाहर जाति प्रत्येक सांस के बाद शरीर को आराम दें और अपने शरीर को एक श्वास के साथ मन स्थिर रखें।
8)इस दौरान जब आप Oxygen लें तो इस दौरान अपनी body को ऊपर की ओर उठाएं और हाथों को नीचे की तरफ जाएं और अपने पैर एकदम सीधे रखें।
9)और आपको अंत में यही प्रक्रिया दोबारा दूसरी तरफ से करनी होगी।
3)वीरभद्रासन जो कि हमारे घुटनों के पीछे किन्नर जांगो पैरों तथा टखने को मजबूत करने के लिए बहुत ही अच्छा सा है क्योंकि जब भी आप अपनी जान को को आगे की ओर झुकाते हैं तो आपके शरीर का सारा वजन आपके ऊपरी भाग की ओर स्थानांतरित हो जाता है इस दौरान आपके पेट पर काफी दबाव पड़ता है जिससे कि आपके शरीर की आंतरिक शक्तियों में काफी बढ़ोतरी होती है जब आप के आंतरिक शक्ति में बढ़ोतरी होगी तो आप किसी भी कार्य को लंबे समय तक कर सकते हैं यह आसन कैसे करें।
3)अब आप अपनी दाहिनी एड़ी के केंद्र को अपने बाएं Leg के द्वारा बन रहे घुमाव को केंद्र की सीध में लेकर आएं।
4)ध्यान दें इस दौरान आप के पंजे जमीन पर जोर दे रहे हो और आपके शरीर का भार दोनों पैरों पर समान रूप से हो।
5)अब आप एक गहरी लंबी सांस अंदर ले और सांस को बाहर छोड़ते हुए अपने शरीर को अपनी तरफ तरफ मोड़े और अपने कूल्हों से (Down Side)नीचे की अोर आराम से back boneको सीधा रखते हुए अपने बाएं हाथ को ऊपर हवा में उठाने और दाहिने हाथ को नीचे जमीन की तरफ ले जाएं इस प्रकार अपने दोनों हाथों को एक सीध में रखें।
6)इस दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपका शरीर किनारे की तरफ से मुड़ा हुआ हो Body Forward (आगे) या back ( पीछे) की ओर झुका ना हो।
7)अब आप अपने शरीर में ज्यादा से ज्यादा तनाव बनाए रखें तथा स्थिर बने रहें गहरी गहरी लंबी सांसे लेते रहे बाहर जाति प्रत्येक सांस के बाद शरीर को आराम दें और अपने शरीर को एक श्वास के साथ मन स्थिर रखें।
8)इस दौरान जब आप Oxygen लें तो इस दौरान अपनी body को ऊपर की ओर उठाएं और हाथों को नीचे की तरफ जाएं और अपने पैर एकदम सीधे रखें।
9)और आपको अंत में यही प्रक्रिया दोबारा दूसरी तरफ से करनी होगी।
3)वीरभद्रासन जो कि हमारे घुटनों के पीछे किन्नर जांगो पैरों तथा टखने को मजबूत करने के लिए बहुत ही अच्छा सा है क्योंकि जब भी आप अपनी जान को को आगे की ओर झुकाते हैं तो आपके शरीर का सारा वजन आपके ऊपरी भाग की ओर स्थानांतरित हो जाता है इस दौरान आपके पेट पर काफी दबाव पड़ता है जिससे कि आपके शरीर की आंतरिक शक्तियों में काफी बढ़ोतरी होती है जब आप के आंतरिक शक्ति में बढ़ोतरी होगी तो आप किसी भी कार्य को लंबे समय तक कर सकते हैं यह आसन कैसे करें।
वीरभद्रासन किस प्रकार से करें।
1)इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम आप अपने पैरों को 2- 3 फुट की दूरी पर फैला कर सीधे खड़े हो जाएं।
3)अब आप अपने दाहिने पैर को 90 डिग्री तथा अपने बाएं पैर को 15 डिग्री तक घूमाए।
3)ध्यान दें कि आपकी अदाएं इन हिंदी बाए पैर के एकदम सीध में हो।
4)अब आप अपने दोनों हाथों को कंधों तक ऊपर उठाएं तथा अपनी हथेलियों को आसमान की तरह ऊपर खोलने का प्रयास करें।
5)ध्यान दें कि आपके hands ( हाथ) Ground (जमीन) के बिल्कुल समानांतर रहे हो।
6)जब आप साथ छोड़े तो आप अपने दाहिने घुटने को मोडे़।
7)इस दौरान आपको एक बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपका दाहिना घुटना एवं दाएं नाटक में एक सीन में रहे घुटने टेकने से आगे नहीं होना चाहिए।
8)अब अपने सर को घुमाए तथा दाहिनी ओर देखने का प्रयास करें।
9)जब आप स्थिर हो तो अपने हाथों को और खींचने का प्रयास करें।
10)अब आप अपने स्वार्थ को छोड़ते वक्त दोनों हाथों को बाजू से नीचे ले आएं।
4)सूर्य नमस्कार- सूर्य नमस्कार वास्तव में एक अद्भुत yoga San माना जाता है यदि आप इसे सुबह सुबह करते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा सूर्य नमस्कार करने से आपका मन बहुत ही शांत तथा खुश रहता है। फूट नमस्कार सभी प्रकार के आसनों में सबसे मुख्य योगासन है चलिए हम जानते हैं इसको किस प्रकार से करें।
1)इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम आप अपने पैरों को 2- 3 फुट की दूरी पर फैला कर सीधे खड़े हो जाएं।
3)अब आप अपने दाहिने पैर को 90 डिग्री तथा अपने बाएं पैर को 15 डिग्री तक घूमाए।
3)ध्यान दें कि आपकी अदाएं इन हिंदी बाए पैर के एकदम सीध में हो।
4)अब आप अपने दोनों हाथों को कंधों तक ऊपर उठाएं तथा अपनी हथेलियों को आसमान की तरह ऊपर खोलने का प्रयास करें।
5)ध्यान दें कि आपके hands ( हाथ) Ground (जमीन) के बिल्कुल समानांतर रहे हो।
6)जब आप साथ छोड़े तो आप अपने दाहिने घुटने को मोडे़।
7)इस दौरान आपको एक बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपका दाहिना घुटना एवं दाएं नाटक में एक सीन में रहे घुटने टेकने से आगे नहीं होना चाहिए।
8)अब अपने सर को घुमाए तथा दाहिनी ओर देखने का प्रयास करें।
9)जब आप स्थिर हो तो अपने हाथों को और खींचने का प्रयास करें।
10)अब आप अपने स्वार्थ को छोड़ते वक्त दोनों हाथों को बाजू से नीचे ले आएं।
4)सूर्य नमस्कार- सूर्य नमस्कार वास्तव में एक अद्भुत yoga San माना जाता है यदि आप इसे सुबह सुबह करते हैं तो यह आपके लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा सूर्य नमस्कार करने से आपका मन बहुत ही शांत तथा खुश रहता है। फूट नमस्कार सभी प्रकार के आसनों में सबसे मुख्य योगासन है चलिए हम जानते हैं इसको किस प्रकार से करें।
सूर्य नमस्कार Kis Tarah Kre
1)सूर्य नमस्कार को करने के लिए आपको सर्वप्रथम आप जमीन पर खड़े हो जाएं और उसके पश्चात अपने पैरों के दोनों पंजों को एक साथ जोड़ें और पूरा अपने शरीर का वजन अपने दोनों पैरों पर रखें अब आप अपनी छाती को फुलाएं तथा अपने कंधों को ढीला करें अब आप अपनी सांस को लेते हुए दोनों हाथ बगल से ऊपर उठाए तथा सांस छोड़ते हुए हथेली को जोड़ते हुए छाती के सामने प्रणाम मुद्रा में ले आएं।
1)सूर्य नमस्कार को करने के लिए आपको सर्वप्रथम आप जमीन पर खड़े हो जाएं और उसके पश्चात अपने पैरों के दोनों पंजों को एक साथ जोड़ें और पूरा अपने शरीर का वजन अपने दोनों पैरों पर रखें अब आप अपनी छाती को फुलाएं तथा अपने कंधों को ढीला करें अब आप अपनी सांस को लेते हुए दोनों हाथ बगल से ऊपर उठाए तथा सांस छोड़ते हुए हथेली को जोड़ते हुए छाती के सामने प्रणाम मुद्रा में ले आएं।
5) धनुरासन बहुत ही अच्छा आसन है जो ना आपके मोटापे को कम करने में सहायता करता है बल्कि आपके हाथ पैर को भी मजबूर करता है इस आसन से आपके stomach ( पेट) पर streach (खिंचाव) पड़ता है और साथ ही साथ आपके पेट को भी लचीला बनाता है लगातार इस आसन को करने से आपका पेट लचीला हुआ तथा आपके पेट की चर्बी में कमी आएगी आई एम जानते हैं कि हम इस आसन को किस प्रकार से करते हैं।
धनुरासन किस प्रकार से करें।
1)धनुरासन को करने के लिए सर्वप्रथम आपको पेट के बल लेटना होगा उसके बाद आप अपने पैरों को फैलाए दोनों हाथ शरीर के दोनों अोर सीधे रखें।
2)अब इसके पश्चात आप अपने घुटनों को मोड़कर कमर के पास जाएं और अपने घुटिका को हाथों से पकड़े।
3)अब आप सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाने तथा अपने पैरों को कमर की ओर खींचे।
4)और अपने Face(चेहरे) को बिल्कुल straight (सामने)रखिए।
5)इस आसन को करते हुए जब आप एकदम पूर्ण स्थिति में आ जाएंगे तो आपको अपना शरीर एक धनुष की भांति ही नजर आएगा।
6)मगर एक बात अवश्य ध्यान देने योग्य है कि आप अपनी क्षमता के अनुसार ही अपने शरीर को खींचे आवश्यकता से अधिक ना खींचे।
7)25 से 30 सेकंड इस स्थिति में बने रहने के बाद आप स्वयं के hands (हाथ) legs ( पैरों )को धीरे से छोड़ते हुए जमीन पर ले जाएं कुछ देर बाद फिर से इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं।
धनुरासन किस प्रकार से करें।
1)धनुरासन को करने के लिए सर्वप्रथम आपको पेट के बल लेटना होगा उसके बाद आप अपने पैरों को फैलाए दोनों हाथ शरीर के दोनों अोर सीधे रखें।
2)अब इसके पश्चात आप अपने घुटनों को मोड़कर कमर के पास जाएं और अपने घुटिका को हाथों से पकड़े।
3)अब आप सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाने तथा अपने पैरों को कमर की ओर खींचे।
4)और अपने Face(चेहरे) को बिल्कुल straight (सामने)रखिए।
5)इस आसन को करते हुए जब आप एकदम पूर्ण स्थिति में आ जाएंगे तो आपको अपना शरीर एक धनुष की भांति ही नजर आएगा।
6)मगर एक बात अवश्य ध्यान देने योग्य है कि आप अपनी क्षमता के अनुसार ही अपने शरीर को खींचे आवश्यकता से अधिक ना खींचे।
7)25 से 30 सेकंड इस स्थिति में बने रहने के बाद आप स्वयं के hands (हाथ) legs ( पैरों )को धीरे से छोड़ते हुए जमीन पर ले जाएं कुछ देर बाद फिर से इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं।