प्याज का रस आठ मिली. + अदरक का रस छह मिली. + गाय का घी एक ग्राम + शहद दो ग्राम इन सभी चार औषधियों को मिला कर लगातार दो माह तक प्रयोग करा जाए तो मूर्खतापूर्ण कारणों से वीर्य का नाश कर चुके व लगभग नपुंसक हो चुके लोगों में भी नयी पौरुष ऊर्जा का संचार होने लगता है। औषधि सेवन काल में खट्टी चीजों का सेवन न करा जाए, नशीले पदार्थों का भी प्रयोग बंद कर दिया जाए, स्त्री सहवास से भी दूर रहें अन्यथा एक ओर तो ताकत एकत्र करने का जतन करा जाए और दूसरी ओर सारी ताकत को व्यय कर दिया जाए तो परिणाम शून्य ही रहने वाला है इसलिये धैर्य अत्यंत आवश्यक है। औषधि सेवन के दौरान यदि कब्जियत का अनुभव हो तो त्रिफला चूर्ण आदि का सेवन करें ताकि कब्जियत न रहे।
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विशेष :-
किसी भी आयुर्वेदिक रसोषधि के सेवन से [पहले आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य करे |
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