आयुर्वेद में मल्टीविटामिन्स का विकल्प
जिस तरह से किसी भी बीमारी के बाद आयी हुई कमजोरी के बाद आधुनिक चिकित्सा में हम लोग मल्टीविटामिन्स और खनिजों के बने कैप्सूल आदि देते हैं ताकि मरीज अशक्त न महसूस करे, आयुर्वेद में भी इसका विकल्प है-
आयुर्वेद में सामान्य अथवा बीमारी के बाद आयी हुई भीषण कमजोरी को दूर करने के लिये जो योग दे कर सैकड़ों बार परीक्षण करा गया है वह आपकी सेवा में प्रस्तुत है--
सितोपलादि चूर्ण १०० ग्राम + आमलकी रसायन ५० ग्राम + शतावरी चूर्ण ५० ग्राम + मुलहठी का चूर्ण ५० ग्राम इस सबको मिला कर इसमें २५० ग्राम शहद मिला लें तो यह चटनी जैसा बन जाएगा अब आप इसे अपने मरीजों को निर्भय हो कर दे सकते हैं। इसे दिन में तीन बार एक-एक चम्मच दूध के साथ दीजिये। आप स्वयं देख लेंगे कि यह योग सिंथेटिक विटामिन्स व खनिजों के कैप्सूल से कहीं लाख गुना बेहतर परिणाम देता है। कम से कम दो माह सेवन कराने से आश्चर्यजनक लाभ होता है।
सितोपलादि चूर्ण १०० ग्राम + आमलकी रसायन ५० ग्राम + शतावरी चूर्ण ५० ग्राम + मुलहठी का चूर्ण ५० ग्राम इस सबको मिला कर इसमें २५० ग्राम शहद मिला लें तो यह चटनी जैसा बन जाएगा अब आप इसे अपने मरीजों को निर्भय हो कर दे सकते हैं। इसे दिन में तीन बार एक-एक चम्मच दूध के साथ दीजिये। आप स्वयं देख लेंगे कि यह योग सिंथेटिक विटामिन्स व खनिजों के कैप्सूल से कहीं लाख गुना बेहतर परिणाम देता है। कम से कम दो माह सेवन कराने से आश्चर्यजनक लाभ होता है।