ह्रदय रोग क्या है-मनुष्य का हृदय एक मिनट में 72 बार धड़कता है यानि हमारा हृदय एक बार में 72 बार रक्त पंप करता है जिस से हमारे शरीर के हर अंग में धमनियों के जरिये रक्त पहुँचता है और रक्त हमारे पूरे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को पूरा करता है और जैसे आप जानते ही हैं कि किसी भी जीव का ज़िंदा रहने के लिए ऑक्सीजन जरूरी होता है। धूम्रपान ,मदिरापान करने या हाई ब्लड प्रेसर ,अधिक चर्बी,ज्यादा कोलेस्ट्रॉल या मोटापा के कारण धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के थक्के जम जाते है और रक्त प्रवाह का रास्ता (धमनियां ) ब्लॉक हो जाती हैं जिस से ब्लड शरीर में प्रोपरली सप्लाई नही हो पाता है और न ही हृदय तक ! इसी वजह से हार्ट अटेक जैसी बीमाइयो का खतरा बढ़ जाता है और पल भर में किसी की ज़िन्दगी ख़त्म हो जाती है और भारत में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
हृदय रोग आयुर्वेदिक उपचार-
हृदय रोग का घरेलू उपचार-
ह्रदय रोग के लक्षण-
- अचानक ऐसा लगता है जैसी किसी ने छाती पर जोर से चोट मार दी हो और हृदय में दर्द होने लगता है और रोगी लाचार होकर गिर जाता है तड़पने लगता है।
- कभी कभी छाती में एक जकड़न सी महसूस होती है मनो किसी ने छाती को जकड़ लिया हो इसे एनजाइन कहते हैं ।
- किसी कार्य को करते वक़्त ,अचानक सीने में दर्द होना।
- नींद कम आती है , घबराहट होती है ,यह भी हृदय रोग का संकेत हो सकता है।
- हाथों, कमर, गर्दन, जबड़े या फिर पेट में दर्द और बेचैनी महसूस हो सकती है।
- चक्कर आते रहते हैं,दिल बहुत तेजी से धड़कता रहता है।
- भूख एकदम कम लगती है,आंखों में कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि गर्म धुंआ सा निकल रहा है।
हृदय रोग आयुर्वेदिक उपचार-
- (अर्जुन की छाल का चूर्ण ६० ग्राम + स्वर्णमाक्षिक भस्म १० ग्राम + अकीक पिष्टी १० ग्राम + मुक्ताशुक्ति पिष्टी १० ग्राम + शुद्ध सूखा शिलाजीत १० ग्राम + जहरमोहरा खताई पिष्टी १० ग्राम + लोह भस्म १० ग्राम ) इन सब को मिला कर कस कर घोंट लीजिये और ५०० मिलीग्राम की पुड़ियां बना लें जो कि आपके लिये एक खुराक होगी। इस दवा को एक-एक पुड़िया दिन में तीन बार अर्जुनारिष्ट के दो चम्मच के साथ लीजिये। दवा खाली पेट न लें।
- अर्जुन घृत एक-चौथाई चाय का चम्मच दिन में दो बार सुबह-शाम लीजिये। आप मात्र दो माह लगातार औषधियां ले लीजिये आजीवन आपको दिल की कोई तकलीफ़ उम्मीद है कि होगी ही नहीं।
हृदय रोग का घरेलू उपचार-
- हृदय रोग का उपचार बुखार या सर्दी जैसे नहीं है जो कुछ ही दिनों में ठीक हो जाये क्योंकि यह आपके शरीर के आन्तिरिक और बाहरी गतिविधियों पर निर्भर करता है जैसा आप अपने शरीर को ढालेंगे वैसा ही हो जायेगा तो कुछ नुस्खे है जो आपको बता रहे हैं।
- लहसुन-लहसुन कई रोगों को दूर करता है इसमें यह हृदय रोगी के लिए भी फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने और खून को पतला बनाने में मदद करता है। मगर ध्यान रहे आवश्यकता से अधिक लहसुन लेना भी ठीक नहीं होगा।
- अंगूर-अंगूर भी हृदय रोगियों के लिए बहुत अच्छा फल है अंगूर का जूस पियें अंगूर खाये इस से वजन भी कम होता है और हृदय रोग होने के एक कारण मोटापा भी है इसलिए अंगूर का सेवन करें।
- ग्रीन टी-ग्रीन टी आपको आसानी से मिल जाएगी यह भी मोटापा घटाने में सहायता करती है और साथ ही साथ कोलेस्ट्रॉल भी काम करता है।
- अनार-अनार का रस तो हमेशा सेहत के लिए फायदेमंद ही है और एक शोध में वैज्ञानिको ने पता लगाया की अनार एंटीऑक्सीडेंट और अथेरोस्क्लेरोसिस और लोव ब्लड प्रेस्सेर में मदद करता है।
- लाल मिर्च- एंटीऑ लाल मिर्च में एक कैप्साइसिन नाम का तत्व रहता है जो रक्त वाहिकाओं के लोच में सुधार करता है और वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है और साथ ही साथ या रक्त में कोलोस्ट्रोल के कारन थक्का जमने की सम्भावना को काम कर देता है और कोलेस्ट्रॉल को काम करता है।
- हल्दी- है और वाहिकाओं हल्दी में भी एंटीऑक्सीडेंट और अथेरोस्क्लेरोसिस तत्व पाए जाते हैं जो थक्का नहीं जमने देता और हृदय को स्वस्थ बनाए रखता है। साथ ही साथ एलडीएल को भी काम करने में मदद करता है।